राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गढ़ में बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को मात देने के लिए कांग्रेस पार्टी ‘डीएमके’ का सहारा ले रही है। डीएमके के नाम से गफलत में न पड़ें। यह तमिलनाडु में कांग्रेस की सहयोगी पार्टी डीएमके नहीं बल्कि एक स्थानीय वोटिंग ग्रुप है जो इस सीट पर कांग्रेस के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
गडकरी के तिलिस्म को तोड़ने के लिए कांग्रेस पार्टी दलित-मुस्लिम-कुनबी (डीएमके) को अपने साथ लाने के लिए जीतोड़ कोशिश कर रही है। कांग्रेस के उम्मीदवार नाना पटोले कुनबी समुदाय से आते हैं। कुनबी, दलित और मुस्लिम परंपरागत रूप से कांग्रेस के साथ रहे हैं। 21 लाख मतदाताओं वाले संसदीय क्षेत्र में कांग्रेस को अनुमान है कि 12 लाख ‘डीएमके’ वोटर हैं।
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में गडकरी ने 2.84 लाख वोटों से जीत दर्ज की थी। उधर, वर्ष 2014 के चुनाव में नाना पटोले भंडारा-गोदिया लोकसभा सीट पर ‘जाइंट किलर’ साबित हुए थे और उन्होंने बीजेपी के टिकट पर एनसीपी के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल को मात दी थी। कांग्रेस को उम्मीद है कि पटोले इतिहास दोहराएंगे और गडकरी को मात देंगे।
किसानों के प्रति बेरुखी का आरोप लगाकर बीजेपी छोड़ने वाले पटोले कांग्रेस के लिए नए नहीं हैं। वर्ष 2009 तक वह कांग्रेस पार्टी में ही थे। वर्ष 2017 में कांग्रेस कांग्रेस पार्टी में वापसी के बाद उन्होंने नागपुर में गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ने की मंशा जताई थी। इसके बाद कांग्रेस ने विलास मुत्तेमवार की जगह पर उन्हें टिकट दे दिया। मुत्तेमवार इस सीट से 4 बार जीत दर्ज कर चुके हैं।
पटोले का चुनाव प्रचार संभाल रहे नागपुर कांग्रेस के अध्यक्ष विकास ठाकरे ने कहा, ‘इस बार कोई लहर नहीं है और हमें विश्वास है कि हमारा परंपरागत वोटर – दलित मुस्लिम-कुनबी- वापस हमारे साथ आएगा।’ कांग्रेस ने करीब 28 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद इस सीट पर कुनबी प्रत्याशी को टिकट दिया है। इससे पहले वर्ष 1991 में कांग्रेस पार्टी ने दत्ता मेघे को टिकट दिया था।
बता दें कि नागपुर भले ही आरएसएस का मुख्यालय हो लेकिन हाल के दिनों तक यह सीट कांग्रेस का गढ़ रही है। अब तक केवल दो बार बीजेपी का प्रत्याशी इस सीट पर जीत दर्ज कर पाया है। उधर, 11 अप्रैल को होने वाले चुनाव में गडकरी के चुनाव प्रभारी सुधाकर देशमुख कहते हैं कि ‘डीएमके’ का आइडिया काम नहीं करेगा और गडकरी दोबारा ज्यादा वोटों से जीत हासिल करेंगे।
देशमुख ने कहा, ‘कांग्रेस पार्टी अब जाति, समुदाय और धर्म को बांटने का सहारा ले रही है क्योंकि उसको पता है कि वह यह सीट जीतने नहीं जा रही है। पटोले कभी भी गडकरी के व्यक्तित्व या प्रदर्शन को टक्कर नहीं दे सकते हैं।’